Tuesday, August 19, 2025

बीएनएस धारा 292 क्या है – सजा और जमानत | BNS 292 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 292 सार्वजनिक उपद्रव (Public Nuisance) के अपराध से संबंधित है। यह धारा उन कार्यों को अपराध मानती है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, नैतिकता के लिए हानिकारक होते हैं। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर ऐसे कार्य करता है जो समाज की भलाई के खिलाफ होते हैं, तो वह इस धारा के अंतर्गत आ सकता है। उदाहरण के लिए सड़क पर कूड़ा फेंकना, ज़ोर से संगीत बजाना, सार्वजनिक स्थान पर गलत व्यवहार करना।

यह धारा तब लागू होती है जब किसी व्यक्ति का कार्य सार्वजनिक शांति (Public peace) और व्यवस्था को भंग करता है। यह किसी भी प्रकार के सार्वजनिक उपद्रव को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है, चाहे वह सड़क पर हो, पार्क में हो या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान (Public Place) पर।

BNS Section 292 लगने के मुख्य तत्व

  • यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर ऐसी गतिविधियों (Activities) में शामिल होता है जो दूसरों के लिए परेशानी या असुविधा का कारण बनती हैं, तो यह धारा लागू हो सकती है।
  • यह धारा निजी संपत्तियों (Private Properties) पर भी लागू हो सकती है यदि वहां की गतिविधियां सार्वजनिक उपद्रव का कारण बनती हैं।
  • इसमें साधारण उल्लंघन (Simple Violation) जैसे कि सार्वजनिक जगह पर गंदगी फैलाना और गंभीर उल्लंघन (Serious Violation) जैसे कि सार्वजनिक शांति को खतरे में डालना शामिल है।
  • धारा 292 का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना (Fine) लगाया जा सकता है।

बीएनएस सेक्शन 292 के अपराध का उदाहरण

अजय और जतिन दो पड़ोसी हैं। अजय रात-रात भर अपने घर में लाउडस्पीकर पर तेज संगीत बजाता हैं। इससे जतिन और मोहल्ले के अन्य लोगों को नींद नहीं आती और उन्हें परेशानी होती है। जतिन ने अजय से कई बार अनुरोध किया कि वह रात में संगीत कम आवाज में बजाएं लेकिन अजय नहीं माना।

जिसके बाद जतिन को पुलिस में अजय के खिलाफ शिकायत करनी पड़ी। पुलिस ने अजय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 292 के तहत मामला दर्ज किया। क्योंकि अजय के द्वारा तेज संगीत चलाना सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को भंग कर रहा था।

BNS 292 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ मुख्य कार्य

  • सड़क पर कूड़ा, प्लास्टिक या अन्य अवशेष फेंकना जिससे सार्वजनिक स्थान गंदा और अस्वच्छ हो जाए।
  • सार्वजनिक स्थानों पर या रात के समय ज़ोर से संगीत बजाना, जिससे दूसरों की शांति और आराम प्रभावित हो।
  • सार्वजनिक रूप से नशे की हालत में होना गंदी भाषा का प्रयोग करना।
  • सड़क किनारे बिना अनुमति के छोटे स्टॉल या दुकानें लगाना जो लोगों के आने जाने के रास्ते में रुकावट का कारण बने।
  • सार्वजनिक शौचालयों का गलत तरीके से उपयोग करना या उनमें तोड़-फोड़ करना।
  • बिना अनुमति के प्रदर्शनी, सभाएं, या अन्य आयोजन करना जो समाज की व्यवस्था को प्रभावित करें।
  • सार्वजनिक दीवारों पर अश्लील चित्र या गंदे शब्दों को लिखना।
  • सार्वजनिक स्थलों पर अत्यधिक शोर मचाना या लोगों को परेशान करना।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 292 के अपराध में मिलने वाली सजा

बीएनएस की धारा 292 के तहत सार्वजनिक उपद्रव करने पर दंड (Punishment) का प्रावधान है। इस धारा का उद्देश्य सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बनाए रखना है, और इसके उल्लंघन (Violation) पर दोषी (Guilty) व्यक्ति को जेल की सजा ना देकर जुर्माने की सजा दी जा सकती है, जो कि इस प्रकार है।

  • जुर्माना: BNS की सेक्शन 292 के उल्लंघन पर दोषी व्यक्ति को अधिकतम एक हजार रुपये तक का जुर्माना (Fine) लगाया जा सकता है। यह जुर्माना (Fine) अपराध की गंभीरता और प्रकृति के आधार पर तय किया जाता है।
  • गंभीर अपराध: यदि उल्लंघन की प्रकृति गंभीर है या उल्लंघन बार-बार किया गया है, तो दोषी व्यक्ति पर अन्य कानूनी प्रावधानों (Legal Provisions) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें अतिरिक्त जुर्माना, या अन्य कार्यवाही शामिल हो सकती हैं।
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