Tuesday, August 19, 2025
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BNS Section 297 – लॉटरी ऑफिस खोलने की बीएनएस धारा में सजा जमानत

भारतीय न्याय संहिता की धारा 297 लॉटरी कार्यालय (Lottery Office) रखने के अपराध से संबंधित है जिसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति राज्य सरकार की अनुमति के बिना लॉटरी का कार्यालय चलाता है, तो वह BNS 297 के तहत अपराध कर रहा होता है।

गैर-अधिकृत लॉटरी (non-authorized lottery) का मतलब ऐसी लॉटरी से है जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत या स्वीकृत (Accepted) नहीं है। केवल राज्य सरकार या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाएं ही लॉटरी चला सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति या संगठन राज्य सरकार की अनुमति के बिना लॉटरी का आयोजन करता है, तो वह गैर-कानूनी (Illegal) माना जाएगा।

इस अपराध को 2 उपधाराओं (Sub-Sections) के द्वारा विस्तार से बताया गया है जो कि इस प्रकार है:-

बीएनएस की धारा 297 (1):- यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति अनधिकृत लॉटरी का कार्यालय चलाता है यानी राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त किए बिना लॉटरी का कार्यालय चलाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी गैर-अधिकृत लॉटरी को चलाने के लिए कोई स्थान (जैसे कार्यालय, दुकान, या अन्य जगह) का प्रबंध करता है या रखता है, तो यह धारा 297(1) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

बीएनएस की धारा 297 (2):- यदि कोई व्यक्ति किसी समाचार पत्र, वेबसाइट, सोशल मीडिया, या किसी अन्य माध्यम से इस तरह का विज्ञापन या प्रस्ताव (Advertisement or Offer) प्रकाशित करता है, जिसमें वह किसी घटना (जैसे लॉटरी का टिकट) से जुड़ी राशि या सामान जीतने की बात करता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।
उदाहरण के लिए अगर कोई विज्ञापन प्रकाशित करता है कि “इस लॉटरी टिकट को खरीदें और इनाम जीतें,” जबकि वह लॉटरी सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है, तो यह व्यक्ति कानून का उल्लंघन कर रहा है।

इस धारा के लागू होने के लिए मुख्य तत्व

  • इस धारा का उद्देश्य उन लॉटरी कार्यालयों को रोकना है जो राज्य सरकार (State Government) द्वारा अनुमति नहीं प्राप्त करते हैं।
  • अपराधी को जेल की कैद, जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
  • यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं प्राप्त लॉटरी कार्यालय चलाता है।
  • धारा 297 के तहत, लॉटरी कार्यालय चलाने के अलावा, लॉटरी में भाग लेना भी अपराध माना जा सकता है।

धारा 297 लागू होने के लिए कुछ आपराधिक कृत्य

  • बिना सरकारी अनुमति के लॉटरी कार्यालय खोलना।
  • अनधिकृत लॉटरी टिकट बेचना।
  • गैर कानूनी रुप से लॉटरी खरीदना जैसे कि टिकट खरीदना, परिणाम देखना, या पुरस्कार जीतना।
  • अनधिकृत लॉटरी का प्रचार करना चाहे वह किसी भी माध्यम से हो, जैसे कि सोशल मीडिया, अखबार, या व्यक्तिगत रूप से।
  • अनधिकृत लॉटरी का आयोजन करना चाहे वह छोटे स्तर पर हो या बड़े स्तर पर।
  • अनधिकृत लॉटरी के लिए जगह उपलब्ध कराना जैसे कि किसी भवन या संपत्ति को किराए पर देना।

बीएनएस सेक्शन 297 के अपराध का उदाहरण

रामू का एक छोटी सी किरयाने की दुकान चलाता था। एक दिन श्याम नाम का एक व्यक्ति रामू की दुकान पर आता है और उसे एक लॉटरी स्कीम के बारे में बताता है। वो उसे कहता है कि इसमें निवेश करने वाले को बड़ा इनाम जीतने का मौका मिलेगा। बस तुम्हें मेरी लॉटरी के टिकट बेचने होंगे।” रामू पैसे के लालच में आकर इस काम को करने लगता है।

रामू ने श्याम की बात मान ली और अगले दिन उसने अपनी दुकान के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगा दिया। उस पोस्टर में लिखा था, “बड़ी इनामी लॉटरी! केवल 50 रुपये में टिकट खरीदें और लाखों का इनाम जीतें।” कई लोग रामू की दुकान पर आए और टिकट खरीदने लगे। लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस रामू की दुकान पर आती है और उसे बताती है कि यह एक गैर-कानूनी कार्य है। जिसके बाद पुलिस रामू के खिलाफ धारा 297 के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही करती है।

लॉटरी कार्यालय खोलने की बीएनएस धारा 297 में सजा

बीएनएस की धारा 297 के अपराध का उल्लंघन (Violation) करने वाले व्यक्तियों को इसकी 2 मुख्य उपधाराओं (Sub-Sections) के तहत सजा के प्रावधान के बारे में बताया गया है:-

  • BNS 297 (1) की सजा:- अगर कोई व्यक्ति किसी प्रकार की गैर-कानूनी लॉटरी (Illegal lottery) की गतिविधि में शामिल पाया जाता है, तो उसे छह महीने तक की कैद, जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
  • BNS 297 (2) की सजा:- यदि कोई बिना सरकारी अनुमति के किसी लॉटरी का प्रचार (Publicity) करने का दोषी पाया जाता है तो उसे इस अपराध के लिए सजा के रूप में पाँच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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